16.1 C
New Delhi
November 21, 2024
देश राज्य विचार संस्कृति

अपने अस्तित्व को बचाने की जद्दोजहद में आदिम जनजाति के लोग, धरातल पर इनकी मदद करने वाला कोई नहीं

अभिजीत सेन (संवाददाता पोटका) ग्राउंड रिपोर्ट

पोटका प्रखंड अंतर्गत टंगराइन पंचायत के पहाड़ियों में बसा सवर नगर जहां बसने वाले आदिम जनजातियों इस कड़ाके की ठंड में भी नहीं मिल पाया सरकारी कंबल, अलाव के सहारे जीने को हो रहे मजबूर, साथ ही साथ आपको यह भी बताते चलें कि  दिसंबर का भी अनाज इन परिवारों को अब तक नहीं मिल पाया। कई बिरसा आवास बनने के साथ ही हवा में उड़ चुके हैं मगर यह भी नहीं हुआ मरम्मत, जंगल किनारे रहने वाला यह सबर परिवार को देखने वाले कोई नहीं है। सरकार व अधिकारी लाख दावा कर ले लेकिन असल में धरातल पर इनकी मदद करने वाला कोई नहीं।

जैसे कि हमें पता है, हर साल की तरह इस साल भी दिसंबर महीना में कड़ाके की ठंड पड़ रही है वहीं जमशेदपुर के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पहाड़-जंगल किनारे रहने वाले आदिम जनजाति के परिवारों को अब तक कड़ाके की ठंड से बचने के लिए सरकारी कंबल नहीं पहुंच पाया है जिसके कारण यह लोग काफी चिंतित हैं। इन परिवारों का कहना है कि दिसंबर 2020 का राशन कार्ड द्वारा मिलने वाले अनाज अब तक नहीं मिला है, चावल खत्म हो चुका है साथ ही अमृता आवास बने 6 माह के अंदर ही एक तेज रफ्तार हवा में उड़ चुका है। सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द इन परिवारों पर ध्यान दें ताकि ये परिवार भी समाज के मुख्यधारा में सम्मिलित हो सके एवं अपना अस्तित्व को बचा सके।

Related posts

ईंचागढ विधायक सविता महतो ने 150 श्रमिक के बीच बांटी साड़ी, पैंट और शर्ट

आजाद ख़बर

राहड़ो में आने जाने के लिये पगडंडिया ही सहारा: झारखंड

लॉक डाउन के कारण वापस घर जाने वाले प्रवासी कामगारों को भोजन, आश्रय, पानी उपलब्ध कराया जाए: राहुल गाँधी

आजाद ख़बर

Leave a Comment

आजाद ख़बर
हर ख़बर आप तक