अभिजीत सेन (संवाददाता पोटका)
पोटका प्रखंड अंतर्गत टांग्रेन उत्क्रमित मध्य विद्यालय में- सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए तथा पोषक तत्व युक्त भोजन परोसने को लेकर विद्यालय प्रबंधन द्वारा जैविक पद्धति से उगाए गए साग- सब्जियों को मध्यान्ह भोजन में परोसने की तैयारी में जुट गया है।
आपको बता दें कि जहां एक और सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश बच्चों में पोषण की कमी दिखाई पड़ती है वहीं पोटका प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय टांगराईन जैविक पद्धति से उगाए गए साग- सब्जियों को मध्यान्ह भोजन पर परोसने की तैयारी में जुट गया है।हालांकि वर्तमान वैश्विक महामारी कोरोना के चलते विद्यालय बंद है एक दो महीना बाद जैसे ही विद्यालय खुलेगा वैसे ही उक्त तैयार सब्जियों को मध्यान्ह भोजन में परोसा जाएगा।ये सिलसिला उत्क्रमित मध्य विद्यालय टांगराईन की ओर से पिछले 3 सालों से लगातार चलाया जा रहा है, जिसमें विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति के माध्यम से 30 बच्चों को न्यूट्रिशन हीरो चुना गया है जिनके माध्यम से विद्यालय में पोषण से संबंधित तमाम कार्यक्रमों को चलाया जाता है इन के माध्यम से विद्यालय के बच्चों को पोषण वाटिका में व्यवहार होने वाले औजार प्रदान किया गया है और यह सारा काम अभिभावक एवं प्रबंध समिति के देखरेख में संचालित होती है।
कहते हैं आहार एवं स्वास्थ्य का घनिष्ठ संबंध होता है वैज्ञानिकों ने सदियों से लंबे अध्ययन एवं अनुसंधान के बाद यह तथ्य स्थापित किए हैं शरीर के पोषण पर अनेक बातों का प्रभाव पड़ता है जिनमें भोजन की आदतें, जैविक खेती, शिक्षा ,मान्यता आदि है।विश्व स्वास्थ्य संगठन की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए जैविक पद्धति द्वारा पोषण वाटिका तैयार कर तिरंगा भोजन विटामिंस ,प्रोटीन, खनिज ,लवण वसा आदि से संबंधित सब्जी लाल साग ,पपीता ,केला ,सिम, बीम जैसे सब्जियों की खेती कर विद्यालय के मध्यान भोजन में परोसना अन्य विद्यालय के लिए अनुकरणीय है।