जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हो रही हैं। दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत झोंक रहे हैं। एनडीए और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए हैं, जबकि झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) ने रामदास मुर्मू को अपना प्रत्याशी घोषित कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
जेएलकेएम के संसदीय दल और चुनाव समिति की बैठक में रामदास मुर्मू के नाम पर मुहर लगाई गई। पार्टी प्रमुख जयराम महतो के नेतृत्व वाली यह पार्टी कोल्हान क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। रामदास मुर्मू आदिवासी वोट बैंक और स्थानीय विकास के मुद्दों पर जोर देकर जेएमएम और भाजपा को कड़ी टक्कर देने का दावा कर रहे हैं। उमेद वाणी की रिपोर्ट के अनुसार, यह उपचुनाव पारंपरिक दलों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
इंडिया गठबंधन की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे सोमेश चंद्र सोरेन को टिकट दिया है। सोमेश ने कहा कि वे अपने पिता के अधूरे सपनों को पूरा करेंगे, खासकर घाटशिला को शिक्षा का केंद्र बनाने का। वहीं, एनडीए की ओर से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा है। बाबूलाल ने 2024 के विधानसभा चुनाव में रामदास सोरेन से 22,000 वोटों से हार का सामना किया था, लेकिन इस बार वे स्थानीय आंदोलनों और विकास के एजेंडे पर भरोसा जता रहे हैं।
नामांकन की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर है, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। मतदान 11 नवंबर को निर्धारित है। इस सीट पर कुल 2.55 लाख मतदाता हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक है। जेएमएम ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन शामिल हैं। भाजपा भी चंपई सोरेन, बाबूलाल मरांडी जैसे नेताओं के साथ जोर-शोर से प्रचार कर रही है।
यह उपचुनाव न केवल घाटशिला बल्कि पूरे झारखंड की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि आदिवासी वोट और स्थानीय मुद्दे इसकी दिशा तय करेंगे। नामांकन के दौरान दोनों प्रमुख दलों ने भव्य सभाएं आयोजित कीं, जो आने वाले दिनों में और तेज होंगी।