कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच मालदीव और लक्षद्वीप से कुल 819 लोगों को यहां लाया गया।
कोच्चि पोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय नौसेना ऑपरेशन समुद्र सेतु के एक हिस्से के रूप में आईएनएस जलाश्व के माध्यम से मालदीव में फंसे कुल 698 लोगों को रविवार सुबह 9.30 बजे यहां लेकर आई। वहीं, भारतीय ध्वज के साथ एक यात्री/मालवाहक जहाज लक्षद्वीप से अन्य 121 लोगों को लेकर यहां पहुंचा।
प्रवासियों के मद्देनजर समुद्रिका क्रूज टर्मिनल को खोला गया है और बंदरगाह ने मेडिकल प्रोटोकॉल के अनुरूप आवश्यक नवीनीकरण किए गए हैं।
कोचि पोर्ट ट्रस्ट के अधिकारियों ने कहा कि मालदीव से निकाले गए 698 लोगों के पहले जत्थे में 595 पुरुष और 103 महिलाएं हैं। साथ ही 10 साल से कम उम्र के 14 बच्चे और 19 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।
स्वदेश लौटे यात्रियों में से 440 केरल, 156 तमिलनाडु और बाकी देश के विभिन्न राज्यों के हैं।
एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर एस. सुहास ने कहा कि तमिलनाडु के लोगों को बसों के माध्यम से उनके राज्य भेजा जाएगा।
प्रोटोकॉल के अनुसार, सभी केरलवासियों को अपने संबंधित गृह जिलों में 14 दिनों के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन किया जाएगा। इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन से छूट प्राप्त लोगों को घरों में सेल्फ आइसोलेशन में रहना होगा।
लक्षद्वीप से आए 121 लोगों में द्वीप में काम करने वाले केरलवासियों के साथ कुछ छात्र भी शामिल हैं। निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत ये सभी 121 यात्री अपने घर जा सकेंगे, लेकिन इन्हें होम आइसोलेशन में रहना होगा।
गौरतलब है कि सामान्य दिशानिर्देश में कहा गया है कि यदि किसी में भी कोविड-19 संक्रमण का कोई भी लक्षण दिखता है, तो ऐसे में सभी लोगों को सीधे यहां स्थित कोविड हॉस्पिटल में भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि माले और कोच्चि के बीच की दूरी 493 समुद्री मील है। भारतीय पूर्वी नौसेना कमान का जहाज आईएनएस जलाश्व अमेरिका से खरीदा गया था, जिसे वर्ष 2007 में कमीशन किया गया।
आईएनएस जलाश्व में एक हजार सैनिकों को रखने की क्षमता है और चार ऑपरेशन थिएटर और 12 बेड वाली वार्ड सुविधा सहित यह व्यापक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित है।