फणीभूषण टुडू (संवाददाता चांडिल)
चाण्डिल: सरायकेला- खरसवां जिला के चाण्डिल प्रखंड क्षेत्र के नूतनडीह गाँव में आदिवासी संथाल समुदाय का अजीबो गरीब परम्परा देखने को मिला।इसे आप परम्परा कहेंगे या रूङ़ीबादी प्रथा । जी हां ऐसा ही कुछ हुआ।इसे कहते हैं अजब परम्परा का गजब कहानी। आपको विश्वास नही होगा,पर सच है।ऐसे ही अजीबो गरीब परम्परा चाण्डिल प्रखंड के नुतनडीह गांव मे शुक्रवार को देखने को मिला। जी हाँ गांव के गुरूचरण मांझी ने अपने 5 बर्षीय पुत्र अंगद मांझी का शादी एक कुत्तीया के साथ पुरे विधि विधान के साथ कराया। वैसे कुत्तीया बधु व 5 बर्षीय वर अंगद मांझी को पुरे रस्म के साथ विवाह मंडप में शादी कराया गया।
वहीं कुत्तीया को सिंदुरदान कर शादी को सम्पन्न कराया गया।वहीं दुल्हा दुल्हन का आरती उतारकर चुमान आदि कर गृह प्रवेश कराया गया।एवं आदिवासी परम्परा के अनुसार उपस्थित लोग संथाली गीतों के साथ नृत्य भी करते देखा गया। वैसे आदिवासी समुदाय मे मान्यता है कि बच्चे का ऊपर का दांत पहले निकलने से बच्चा को कुत्ती के साथ तथा बच्ची का ऊपर का दांत निकलने से कुत्ते के साथ अखाईन जातरा के दिन शादी कराकर दोष निवारण किया जाता है । लोगों का मान्यता है इस तरह शादी कराने से बच्चे का आन्तरिक कलह या बड़े होकर होने वाले आकस्मिक दुर्घटना एवं दोष कट जाता है।इसलिये आदिवासी समाज में ऐसा रस्म आज भी बरकरार है। मौके पर गुरूचरण मांझी, शशिभूषण मांझी, भाषाण हेम्ब्रम, सनातन मांझी,सारथी टुडू,बाहामुनी किस्कू समेत कोइ ग्रामीण उपस्थित थे।