राष्ट्रीय समाचार डेस्क
प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमना ने कहा कि विवाद निवारण में न्यायालय का सहारा लेना अंतिम उपाय होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि पंचाट और मध्यस्थता के जरिए समाधान निकाला जा सकता है जिससे समय और धन की बचत होगी। हैदराबाद में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता और मध्यस्थता केंद्र के कर्टन रेज़र और हितधारकों के सम्मेलन में प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि हैदराबाद अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने के लिए सही स्थान है। उन्होंने कहा कि व्यापक विचार-विमर्श से पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने को विशेष रूप से विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों और वाणिज्य के मद्देनजर महत्व मिला है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव ने अपने सम्बोधन में कहा कि विभिन्न अदालतों में चार करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और हितधारकों ने सम्मेलन में भाग लिया।