समाचार डेस्क दिल्ली : दंड प्रक्रिया पहचान विधेयक, 2022 आज संसद से पारित हो गया। इस विधेयक में दोषियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों की शिनाख्त करने और उनके बारे में विभिन्न प्रकार का शारीरिक ब्यौरा एकत्र करने की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है। जिसमें अंगुली तथा हथेली की छाप या प्रिंट, पैरों की छाप, फोटो, आंखों की पुतली, रेटिना और लिखावट के नमूने आदि शामिल हैं।
इसमें राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो को इन सभी जानकारियों को संकलित करने और उन्हें संरक्षित रखने का अधिकार देने की भी व्यवस्था की गई है। विधेयक में पुलिस या जेल के अधिकारियों को ऐसे किसी भी व्यक्ति जिसे किसी अपराध के तहत गिरफ्तार किया गया हो के अहसयोग के बावजूद उसका शारीरिक ब्यौरा एकत्र करने का अधिकार देता है।
गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण विधेयक है जिसका उद्देश्य दोषसिद्धि के प्रमाण को पुख्ता करना है। इससे अपराधिक मामलों के सबूत एकत्र करने में मदद मिलेगी जिससे जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि यह विधेयक किसी की निजता या मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं करता।