कुआलालंपुर, 22 दिसंबर: दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के विदेश मंत्री आज मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में एक बेहद महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं। इस आपातकालीन बैठक का मुख्य उद्देश्य थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर जारी हिंसक संघर्ष को रोकना और शांति बहाल करना है।
बीते 8 दिसंबर को दोनों देशों के बीच फिर से शुरू हुई जंग के बाद, यह पहला मौका है जब दोनों पक्षों के नेता आमने-सामने बैठकर बात करेंगे। इस साल मलेशिया ‘आसियान’ (ASEAN) समूह की अध्यक्षता कर रहा है, इसलिए वह मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए एक स्थायी शांति समझौते की उम्मीद कर रहा है।
वहीं, अमेरिका ने भी दोनों देशों से तत्काल युद्ध विराम की अपील की है। अमेरिका ने जोर दिया है कि थाईलैंड और कंबोडिया को कुआलालंपुर में तय होने वाले शांति प्रस्तावों का पूरी तरह पालन करना चाहिए।
दिसंबर की शुरुआत से जारी इस लड़ाई ने भारी तबाही मचाई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस हिंसा में अब तक थाईलैंड के 22 और कंबोडिया के 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि सीमाई इलाकों में रहने वाले करीब 9 लाख से ज्यादा लोगों को अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है।
बता दें कि इससे पहले जुलाई में भी पांच दिनों तक भारी गोलाबारी हुई थी, जिसके बाद अमेरिका, चीन और मलेशिया की कोशिशों से एक अस्थायी शांति समझौता हुआ था। लेकिन हालिया झड़पों ने उस नाजुक शांति को फिर से भंग कर दिया है।
आज हो रही इस बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। इलाके के लोग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय यही उम्मीद कर रहे हैं कि आज की बातचीत से सीमा पर तनाव हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा, ताकि लोग बिना किसी डर के अपना जीवन दोबारा शुरू कर सकें।











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