तनबीर आलम (संवादाता मझगांव)
मझगांव : कोरोना संक्रमण जैसे घातत बीमारी से देश झेल रहा है। राज्य सरकार ने वायरस से बचने के लिए लोगों को नए – नए गाइडलाइंन जारी किया है। जिसमें विद्यालय, रेस्टोंर्स, शादी समारोह में भिडभाड़ में परिर्वतन, खेलकुद, मेला पर पाबंदी, जिम में पाबंदी, धार्मिक स्थल में 50 प्रतिशत लोग समेत विभिन्न प्रकार की गाडलाइंन जारी किया है।
लेकिन नौनिहाल बच्चों के लिए सरकार ने नजर अंदाज किया है। जी हां हम बात कर रहें है। जहां से नौनिहाल क, ख, ग, अक्षरों का पहचान करते है। वह है आंगनबाड़ी केंद्र जो सरकार के गाइडलाइंन में नही है। पश्चिमी सिहंभुम के मझगांव, नयागांव, खैरपाल, कदाजैंत, बालियापोसी आंगनबाड़ी केंद्र की तस्वीर यह झलक रहा है. कोरोना वायरस एक दूसरे के संपर्क में आने पर ही फैलता है. ऐसे में अगर कोई बच्चा संक्रमित है और वो किसी सेहतमंद शख्स से मिलता है, खुले में छींकता या खांसता है, तो ज़ाहिर है मुंह से निकलने वाली छोटी-छोटी बूंदों के ज़रिए ये वायरस उस तक पहुंच ही जाएगा, और इसका शिकार सबसे ज़्यादा ख़ुद उस बच्चे के परिवार के लोग होंगे, यही वजह है कि स्कूल बंद करने पड़े ।
जानकारों का कहना है कि कोरोना से बच्चों को शायद उतना नुक़सान न पहुंचे, जितना बड़ों को हो रहा है. लेकिन, बच्चे दूसरों से कहीं ज़्यादा नुक़सान पहुंचा सकते हैं ख़ास तौर से बीमार और बुज़ुर्गों के लिए ये जानलेवा भी हो सकता है. सिर्फ कोरोना ही नहीं, और भी कई तरह के वायरस हैं, जो बच्चों को कम नुक़सान पहुंचाते हैं लेकिन वयस्कों में बच्चों से ये वायरस पहुंच जाता है. मिसाल के लिए स्वाइन फ्लू का वायरस बच्चों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है। बच्चों में चूंकि लक्षण साफ़ तौर पर नज़र नहीं आते हैं, इसीलिए लोग उन्हें गंभीरता से नहीं लेते और संक्रमण फैल जाता है।