बिहार में कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ी है। बिहार में अब तक 354 संदिग्धों की पहचान की गई है, जबकि अब तक कुल 113 संदिग्ध को आइसोलेशन से मुक्त कर दिया गया है। इन्हें 14 दिनों के लिए आइसोलेशन पर रखा गया था। इस बीच, नेपाल से सटे 49 स्थानों पर बिहार में आने वाले लोगों की जांच की जा रही है।
बिहार के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि, 15 जनवरी से बुधवार तक बिहार में कोरोनावायरस से ग्रसित देशों से लौटे 354 यात्रियों को सर्विलांस (निगरानी) में रखा गया है। इनमें से 113 यात्रियों ने 14 दिनों की सर्विलांस की अवधि पूरी कर ली है।
उन्होंने बताया कि पटना और गया हवाई अड्डों पर आने वाले लोगों थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है। अब तक इन दोनों हवाईअड्डो पर 19 हजार से ज्यादा यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अब तक 72 संदिग्ध लोगों से लिए गए नमूनों की जांच कराई गई है, लेकिन बिहार में एक भी मामला पॉजिटिव नहीं पाया गया है।
विभाग के मुताबिक नेपाल से सटे बिहार के सात जिलों 49 स्थानों पर नेपाल से आने वाले लोगों की निगरानी रखी जा रही है। अधिकारी के अनुसार, अब तक इन स्थानों पर दो लाख से अधिक लोगों की जांच कराई गई है, लेकिन एक भी मामला सामने नहीं आया है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग बिहार के सभी जिलों में शॉपिंग मॉल, जिम, स्विमिंग पुल और स्पा सेंटर को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश जारी किया गया है। बुधवार को जारी जारी निर्देश के अनुसार शादी-विवाह के कार्यक्रमों को छोड़कर किसी भी स्थान पर 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। राज्य के सभी थियेटर को भी 31 मार्च तक बंद करने का आदेश दिया गया है।
गौरतलब है कि बिहार में सरकार ने स्कूल, कालेज, पार्क, चिड़ियाघर और म्यूजियम को 31 मार्च तक के लिए पूरी तरह से बंद किया जा चुका है। राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट हस्टलों को बंद कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने सभी कलेजों और विश्वविद्यालयों को 31 मार्च तक बंद रखने का आदेश जारी किया था। इसके बाद सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्टल 31 मार्च तक बंद करने का आदेश दिया गया।
–आईएएनएस।