देश के विभिन्न हिस्सों में राहत आश्रयों एवं शिविरों में रखे गए प्रवासी मजदूरों के कल्याण के संबंध में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के मद्देनजर, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश के अनुपालन में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए लिखा है।
कोर्ट ने, COVID-19 को प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए लॉकडाउन उपायों को लागू करते हुए निर्देश दिया कि देश भर में राहत शिविरों और आश्रयों में प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता की समुचित व्यवस्था के अलावा पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। इसके अलावा, सभी धर्मों से संबंधित प्रशिक्षित परामर्शदाता और सामुदायिक समूह के नेताओं को राहत शिविरों/आश्रय घरों का दौरा करना चाहिए।
न्यायालय ने यह भी कहा कि प्रवासियों की चिंता और भय को पुलिस और अन्य अधिकारियों द्वारा समझा जाना चाहिए, और उन्हें प्रवासियों के साथ मानवीय व्यवहार करना चाहिए। इसके अलावा, राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों को प्रवासियों की कल्याणकारी गतिविधियों की निगरानी के लिए पुलिस के साथ-साथ स्वयंसेवकों को संलग्न करने का प्रयास करना चाहिए।
एमएचए संचार सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को दिए गए निर्देशों को भी उपरोक्त तर्ज पर दोहराता है। प्रवासियों के बीच मनोसामाजिक मुद्दों से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।