आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस है। इस दिन देश की विज्ञान और प्रौद्योगिकी की महान उपब्लधियों को उजागर किया जाता है। 11 मई 1998 में राजस्थान के पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किए गये थे। इसी तारीख को त्रिशूल मिसाइल तथा पहले स्वदेशी विमान हंसा-3 का सफल परीक्षण भी किया गया था।
प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड इस दिवस के उपलक्ष्य में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के जरिए अर्थव्यवस्था को फिर पटरी पर लाने के लिए उच्च स्तरीय डिजिटल कांफ्रेंस का आयोजन कर रहा है। इस सम्मेलन में वैज्ञानिक, टैक्नॉलॉजी विशेषज्ञ, सरकारी अधिकारी, राजनयिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारी तथा देश-विदेश के उद्योग, अनुसंधान और शिक्षा संस्थानों के गणमान्य व्यक्ति भाग ले रहे हैं। कोविड-19 संकट से लड़ने की जंग में प्रौद्योगिकी का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है।
दुनिया भर के कारोबारी नेता प्रौद्योगिकियों के उपयोग से नयी रणनीति बनाने पर विचार कर रहे हैं ताकि इस संकट से मजबूती से उबरने में मदद मिलें। आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड इस संकट के तकनीकी समाधान निकालने पर ध्यान दे रहा है। इसमें चिकित्सा टेक्नॉलॉजी, उन्नत टेक्नॉलॉजी और निर्माण शामिल हैं जिससे भारत कोविड-19 के बाद भी पूरी तरह तैयार रहे।