पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कल निधन हो गया। उन्होंने कल शाम नई दिल्ली के सेना अस्पताल में
अंतिम सांस ली। भारत रत्न से सम्मानित चौरासी वर्षीय प्रणब मुखर्जी की हालत फेफडे के संक्रमण के कारण
परसों ज्यादा बिगड गई थी। उन्हें बीती दस अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके मस्तिष्क में खून
का थक्का जम जाने के कारण उनका आप्रेशन किया गया था।
श्री मुखर्जी ने 2012- 2017 तक भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में काम किया। उन्होंने केंद्रीय वित्त, रक्षा, विदेश और वाणिज्य मंत्री के रूप में भी काम किया। श्री मुखर्जी योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे। वह पांच बार राज्यसभा और दो बार लोकसभा
के लिए चुने गए। श्री मुखर्जी ने संसद के दोनों सदनों के नेता के रूप में भी काम किया। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति
और प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने शोक संदेश में कहा कि उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है। उन्होंने कहा कि श्री मुखर्जी ने एक संत की भावना से देश की भरपूर सेवा की। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शोक संदेश में कहा है कि प्रणब मुखर्जी के निधन से देश ने एक कुशल राजनेता खो दिया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि श्री मुखर्जी ने कड़ी मेहनत, अनुशासन और समर्पण से देश को सर्वोच्च संवैधानिक स्थिति में पहुंचाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्तकरते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्र के विकास में अपनी एक अमिट छाप छोडी है। श्री मोदी ने कहा कि वे एक ऐसे विद्वान और अग्रणी राजनेता थे जिन्हें समाज के सभी वर्गों द्वारा सम्मान मिला। प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों के अपने राजनीतिक सफर में श्री मुखर्जी ने प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मंत्रालयों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे एक उत्कृष्ट सांसद होने के साथ ही बेहद मुखर और हसमुख नेता थे। श्री मोदी ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति के रूप में श्री प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम नागरिकों के लिए पूरी तरह खोल दिया था।
गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त
किया है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे. पी.नड्डा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भी शोक व्यक्त किया है। प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, बस्ती सांसद हरीश द्विवेदी, सांसद जगदम्बिका पाल और विधायक यशवंत सिंह सहित अन्य लोगों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथा ने कहा कि श्री प्रणब मुखर्जी का निधन राष्ट्रीय क्षति है। वह सार्वजनिक जीवन में शुचिता, पारदर्शिता और स्पष्टवादिता की प्रतिमूर्ति थे।
केन्द्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।इस दौरान सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे।