झारखंड: मझगाँव प्रखंड मुख्यालय से महज 4 किमी दूर चतरीसाई गांव के तीन टोला कंसारी टोला,कुम्हार टोला और आदिवासी टोला के ग्रामीण के दशकों से पानी के लिए एक खेत में बने चुआं पर निर्भर हैं। गांव के तीन टोलों की तीन पीढ़ियां पेयजल के लिए चुआं का पानी ही इस्तेमाल करते आ रहे हैं। गांव में पानी की किल्लत का आलम यह है कि लोग लगभग आधा किलोमीटर की दूरी तय कर चतरीसाई नाला के पास बनी चुँआ के पीने का पानी लेने के लिए जाना पड़ता है। लोग अन्य कार्यों के लिए भी इसी चुआं का इस्तेमाल करते हैं।पीने का पानी की समस्या से जूझते लोग प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से नाराज भी हैं। लोग कहते हैं कि उनकी समस्याएं कभी मुद्दा नहीं बनती हैं।
चुआं से पानी निकालतीं महिलाएं
6 फुट गहरा है खेत में बना चुआं
जिस चुआं से लोग अपना गला तर करते हैं। वह फिलहाल 6 फुट गहरा है। लोग बताते हैं कि सालों पहले शुरू में यह चुआं इतना गहरा नहीं हुआ करता था। बाद में उसका जलस्तर कम होने पर लोगों द्वारा खुदाई करते-करते अब इसकी गहराई लगभग 6 फीट तक पहुंच गई है। ग्रामीणों की मानें तो टोला के बीच में मौजूद एक चापाकल से गंदा पानी निकलता है। अतः लोग इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं। बताया जाता है कि चतरीसाई के कंसारी टोला, कुुम््ह्हार टोला तथा आदिवासी टोला के लगभग 85 परिवार के लगभग 350 ग्रामीण पेयजल के लिए इस चुआं पर निर्भर हैं। लोग बताते हैं कि पानी की समस्या को लेकर उनकी सुध लेने की जहमत न तो प्रशासन और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने उठाई है। अतः अब वे किसी से उम्मीद नहीं रखते हैं। अब तो पानी के लिए चुआं के भरोसे रहना ही उनकी नियति बन गई है।