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November 21, 2024
क्षेत्रीय न्यूज़ राज्य

केज कल्चर से स्थानीय लोगों को रोजगार की दिशा में और बढ़ावा: चांडिल

जगन्नाथ चटर्जी (संवाददाता चांडिल)

बिहार और उड़ीसा की टीम पहुंची चांडिल डैम, सीखे केज कल्चर से मछली पालन के गुण

झारखंड में पहली बार चांडिल डैम से हुई थी केज कल्चर से मछली पालन की शुरुआत

चांडिल: झारखंड में सर्वप्रथम केज कल्चर से मछली पालन की शुरुआत चांडिल डैम से हुई थी। चांडिल डैम में हो रहे केज कल्चर से मछली पालन के गुण सीखने के लिए उड़ीसा और बिहार दोनों राज्य के मत्स्य पालन के निर्देशक के साथ उनकी पूरी टीम मंगलवार को चांडिल डैम पहुंची और पूरे दिन केज कल्चर से हो रहे मछली पालनके गुणों से अवगत कराया । झारखंड मत्स्य पालन के निर्देशक चंद्रनिधि ने कहा कि झारखंड में पहली बार हमने चांडिल डैम से केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन की शुरुआत की थी, जिसमें हम काफी आगे बढ़े हैं, इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है। हमारी इसी केज कल्चर को सीखने के लिए दूसरे राज्य के टीम भी चांडिल पहुंच रही है। आने वाले कुछ दिनों में चांडिल डैम में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में कई और महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई जाएगी। जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार की दिशा में और बढ़ावा मिलेगी।
बिहार मत्स्य पालन के निदेशक आईएएस धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि चांडिल में हो रहे केज कल्चर की भांति हम पूरे बिहार में मत्स्य पालन के सोसाइटी बनाते हुए इसी योजना के अनुरूप कार्य करेंगे। इस टीम में रांची उप मत्सय निर्देशक शंभू प्रसाद, एके चौधरी के साथ इस टीम में कई पदाधिकारी शामिल थे। इस मौके पर चांडिल बांध मत्स्य जीवी समिति के श्यामल मार्डी, नारायण गोप, भजन गोप, सरदीप लायक सहित समिति के कई सदस्य उपस्थित थे।

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