रेहान अख़्तर (ब्यूरो चीफ़ कोल्हान)
जंगल में मिली लगभग दो सप्ताह पुरानी सड़ी-गली लाश…
मझगाँव: झारखंड में डायन बिसाही का मामला इस कदर बढ़ गया है कि जहां अक्सर बेकसूर महिलाओं व कई बार पुरुष भी इसका शिकार हो जाते है। ऐसे अंधविश्वास के शिकार अधिकतर बुजुर्ग लोग ही होते हैं। गुरुवार को ऐसा ही एक मामला कुमारडुंगी थाना क्षेत्र में सामने आया है। इसमें अपराधियों ने बाजार से घर पहुंचाने का बहाना बनाकर एक 42 वर्षीय वृद्ध महिला की कुल्हाड़ी से काट सर धड़ से अलग कर दिया है। साक्ष्य छिपाने की नियत से शव को घने जंगल में ले जाकर चट्टानों की बीच छुपा दिया था। यह मामला कुमारडुंगी थाना क्षेत्र अंतर्गत कलैैया गांव के मुंडासाई टोला में घटी है। कलैया गांव के ग्रामीण मुंडा कैलाश सिंकु की 42 वर्षीय पत्नी पुरगुन सिंकु पर उसी के भतीजे छोटाराम बिरुवा( कलैया के जायरबेड़ा निवासी) व नमासार सिंकु( कलैया के मुंडासाई निवासी) ने डायन का आरोप लगाकर हत्या कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार मुंडा कैलाश अपने पत्नी व छोटा बेटा को लेकर 19 नवम्बर को कुमारडुंगी बाजार गऐ थे। वहां से वापसी के समय दोनो भतीजे ने पुरगुन को घर पहुंचाने का बहाना बनाकर अपने घर जायरबेड़ा ले गऐ। वहां से उसी रात करीब सात बजे घर पहुंचाने के लिऐ निकले। रास्ते में कुल्हाड़ी से गर्दन पर वार कर सर धड़ से अलग कर दिया। शव को छुपाने के लिए तीन किलोमिटर दूर गड़ा सिंदरी नामक जंगल में ले गऐ। वहां शव को चट्टानों के बीच गिरा कर उसपर उपर से पत्थर ढक दिया। इधर पति ने 20 नवम्बर को थाना में गुमशुदगी का मामला कुमारडुंगी थाना में दर्ज करवाया था। मामले की छानबीन करते हुए पुलिस ने दो हत्यारोपी को गिरफ्त में लिया। कड़ी पुछताछ के बाद दोनों ने अपना गुनाह कबुल किया व पुलिस को पुरगुन के शव के पास ले गऐ। पुलिस ने सड़ा गला शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिऐ जमशेदपुर भेज दिया है। इधर पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।
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पुजारी ने परिवार को पुरगुन के डायन होने का दिया था संकेत
कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के कलैया गांव में मुंडा कैलाश सिंकु के पत्नी पुरगुन सिंकु के डायन होने का संकेत एक पुजारी ने दिया था। जानकारी के मुताबीक जयरबेड़ा टोला निवासी हत्यारोपी छोटराम बिरुवा का बेटा पिछले कई दिनों से बीमार हो रहा था। सामने स्वास्थ्य केन्द्र होने के बावजुद छोटराम बिरुवा पुजारी के झांसे में आकर पूजा पाठ करवा रहा था। छोटाराम का बेटा कभी ठीक होता तो कभी तबियत बिगड़ती। छोटाराम जब भी पुजारी के पास सिंदुर दिखाने जाता है। पुजारी पुरगुन को डायन बताकर पूजा करता है। घर में हमेशा अशांति बना रहता था। 19 नवम्बर गुरुवार को नशे में होने के कारण छोटाराम व नमासार ने परेशानी को जड़ से खत्म करने की सोची। पुरगुन को गुरुबार बाजार से छोटाराम के घर ले गऐ। वहां उसे जान से मारने का रणनीति बनाकर घर पहुंचाने का बहाना बनाया। घर से करीब आधा किलोमिटर दूर ले जाकर कुल्हाड़ी से उसके गर्दन में वार कर दिया। जिससे पुरगुन का सर धड़ से अलग हो गया। उस दिन से नमासार घर से फरार था। घर मे पुलिस के नाम एक पत्र लिख दिया था की वे परेशान ना हो। वह 1 दिसम्बर को पुलिस के पास खुद आऐगा।