कर्नाटक के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉक्टर के सुधाकर ने बताया है कि ब्रिटेन से वापस आए राज्य के तीन लोगों में कोरोना वायरस के उसी संक्रमण की पुष्टि हुई है जो हाल ही में ब्रिटेन में सामने आया है। उन्होंने आज बेंगलुरु में संवाददाताओं को बताया कि नवम्बर से अब तक ब्रिटेन से वापस आए एक हजार छ: सौ चौदह यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच की गई। इनमें से छब्बीस लोग संक्रमित पाए गए। इन संक्रमित लोगों की जीनोमिक सीक्वेंसिंग से पता चला कि उनमें से तीन वायरस के नए रूप से संक्रमित हैं। यह वायरस मौजूदा वायरस के मुकाबले सत्तर फीसदी अधिक तेजी से फैलता है। इधर, कोविड -19 से बचाव के उपायों, तैयारियों और नवीनतम जानकारियों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज एक संवाददाता सम्मलेन में बताया कि कोरोना के नए वेरिएंट के मामलों की संख्या बढ़ सकती है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना का वैक्सीन जल्द आ रहा है लेकिन तब तक बचाव के सभी उपाय करते हुए लोगों को सतर्क रहना होगा। सर्दी के मौसम में
सावधान रहना आवश्यक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्ल्युएच.ओ के वरिष्ठ अधिकारियों ने आगाह किया कि यह जरूरी नहीं है कि कोरोना वायरस ही सबसे भयंकर बीमारी हो, अभी दुनियाभर में एक और अत्यंत गंभीर महामारी फैलने की आशंका है ।संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रियसस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को वायरस के बारे में प्रतिदिन नई बातों का पता चल रहा है, जिसमें इसके नए स्वरूप का प्रसार, इससे लोगों का बीमार पड़ना, उपलब्ध जांच, उपचार और टीकों पर संभावित प्रभाव इत्यादि शामिल है। श्री टेट्रोस ने कहा कि ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में वैज्ञानिक महामारी के विषाणु का अध्ययन कर रहे हैं, जिसके आधार पर संगठन अगला कदम तय करेगा।