फणीभूषण टुडू (संवाददाता चांडिल)
चाण्डिल: साल का पहला व झारखंडीयों का सबसे बड़ा त्योहार मकर संक्रांति-टुडू पर्व की तैयारी अंतिम चरण में है।कोरोना को लेकर इस बार न तो मेला लगेगा, और न ही मुर्गा लड़ाई होगी। कोरोना का असर ग्रामीण क्षेत्र के सप्ताहिक हाट बाजारों में देखने को मिला,वहीं गाँव देहातों में भी ग्रामीणों में भी मकर संक्रांति को लेकर उत्साहित नही है। चौका क्षेत्र में मंगलवार को लगने वाले सबसे बड़े गौरडीह हाट में प मकर पर्व दो दिन ही है।मंगलवार को चावल धुआ के साथ पर्व शुरू हुआ।इसमें अरवा चावल को को कूटकर गुँड़ी आटा बनाते हैं,जिससे मकर संक्रांति के दिन लोग गुड़ पीठा बनाते हैं।13 जनवरी को बाउंड़ी पर्व मनाया जायेगा।इस दिन सभी के घरों में पीठा बनाया जाता है।घर के सभी लोग एक साथ बैठकर पीठा खाते हैं।मकर संक्रांति के दिन महिलाएं टुडू व चौड़ल को लेकर पुरूष समुह में ढोल नगाड़ा बजाते हैं और महिलाएं सामुहिक रूप से मकर गीतों के साथ मेला में नृत्य करते हैं।