अभिजीत सेन (संवादाता पोटका)
पोटका पशु चिकित्सालय की लापरवाही का शिकार हुआ शंकरदा गांव के गरीब किसान सरल मंडल का एक तत्काल जन्मा गाय का बछड़ा सुचना से बहत देर पंहुचे पशु स्वास्थ्य कर्मी – प्रसब से पूर्व पेट में गया बछड़ा का जान दरअसल पोटका प्रखंड में पशु चिकित्सालय के नाम से एक सुन्दर बिल्डिंग तो हे लेकिन वंहा एक डॉक्टर छोड़ कर ना तो और कोई स्टॉफ हे और ना ही दवा।
भगवान भरोसे चल रही हे किसानों की पशु धनों को सुरक्षित निरोग रखने वाली पोटका की सरकारी पशु चिकित्सालय, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा आज शंकरदा गांव के एक गरीब किसान सरल मंडल को उनकी एक गाय की प्रसब की समय हो चुकी थी लेकिन कुछ समस्याओं के कारण प्रसब नहीं कर पा रही थी जिसके कारण सुबह से ही छटपटा रही थी सुचना पाकर पूर्व जिलापार्षद करुणा मय मंडल द्वारा विभागीय डॉक्टर को दिया गया त्वरित सुचना विभाग के समक्ष कर्मी के अभाव के कारण हल्दीपोखर के दो प्राइवेट स्टाफों को भेजा गया, यँहा दो घंटे से ऊपर देर हुआ उन प्राइवेट स्टाफों को आने में, तब तक बछड़े की जान पेट के अंदर ही जा चुकी थी, वे आकर मृत बछड़ा को प्रसब करवा कर गाय का जान तो जरूर बचाया लेकिन गरीब किसान से जंहा अपनी सेवा की कीमत वसूली वंही दवा की भी पैसा वसूल लिया गया।
जिप सदस्या श्रीमती प्रतिमा रानी मंडल (पोटका – 11, पूर्वी सिंहभूम, झारखण्ड ) द्वारा जिला प्रशासन से मांग कि गई की जिस अस्पताल में ना तो दवा और ना ही स्टाफ रहेगा वैसे अस्पतालों को ढोकोसोला के रूप में रखने के बजाय या तो बंद कर दिया जाय या संसाधन संपन्न बनवाया जाय ताकि जनता की काम आये, श्रीमती मंडल ने कहा बहत जल्द जिला उपायुक्त से मिलकर इसकी लिखित शिकायत की जाएगी तथा समस्या की समाधान की मांग की जाएगी।