अभिजीत सेन (संवादाता पोटका)
पदाधिकारी भी अब देने लगे हैं आश्वासन ” जी हां ये मामला पोटका प्रखंड अंतर्गत हेसड़ा पंचायत के हेसड़ा गांव का है जहां लगभग 1 साल पूर्व अल्फान तूफान के तबाही से लक्ष्मण कर्मकार का परिवार बेघर हो गया जिसके बाद दो बार प्रखंड विकास पदाधिकारी मिलने पहुंचे और सिर्फ चावल देकर बहुत जल्द घर बन जाएगा का आश्वासन देकर लौट गए मगर आज एक साल होने जा रहा है लक्ष्मण कर्मकार के परिवार के लोग घर नहीं बनने पर निराश होके तिनका तिनका जोड़ कर स्वयं घर बनाने को विवश हो रहे हैं।
मार्च 2020 में लॉकडाउन के बीच में ही अल्फान तूफान का कहर लक्ष्मण कर्मकार के परिवार पर ऐसा टूटा कि इनका घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था इसके बाद बगल के एक घर में मुखिया एवं ग्राम प्रधान द्वारा उन्हें प्रखंड विकास पदाधिकारी के आश्वासन पर ठहराया गया कि इनका घर दो माह के अंदर बना दिया जाएगा. दो माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी जब घर नहीं बन पाया तो घर मालिक द्वारा लक्ष्मण कर्मकार के परिवार को बाहर निकाल दिया गया जिसके बाद स्थिति को देखते हुए स्थानीय मुखिया एवं ग्राम प्रधान द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी के कहने पर पंचायत में लक्ष्मण कर्मकार के परिवार को ठहराया गया आज पंचायत भवन में रहने के बाद भी यह परिवार खुश रही है इनका कहना है कि बार-बार मीटिंग होने पर लोग आते हैं मुझे अच्छा नहीं लगता है यहां सब परिवार के साथ रहना मामले को जब ग्राम प्रधान द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को बताया गया उनका कहना है कि बहुत जल्द इनका घर बन जाएगा मगर अब तक नहीं बन पाया लगभग 1 वर्ष हो चुके हैं।
अब यह परिवार कहते हैं कि दो बार प्रखंड विकास पदाधिकारी आए और दिया सिर्फ आश्वासन और चावल देकर चले गए अगर आज यह परिवार खुद तिनका तिनका जोड़ कर अपना आशियाना बनाने में लगे हुए लक्ष्मण कहते हैं कि लॉक डाउन होने पर रोजी-रोटी छिन गया इतना पैसा नहीं है कि मैं घर बना सकूँ परिवार में चार छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनका पालन पोषण करने में असमर्थ हूं. प्रशासन को चाहिए कि जल्द ही इस परिवार की ओर ध्यान दें ताकि इनका आशियाना बन सके और ताकि लक्ष्मण कर्मकार अपने परिवार के साथ जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाने में सफल हो सके।
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