ये हमले दश्त-ए-बारची अस्पताल के प्रसूति वार्ड और लगमन प्रांत में सेना के चेक पोस्ट पर हुए। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि माताओं, नवजात बच्चों, नर्सों आम लोगों पर इस तरह के निंदनीय हमले भयावह हैं और मानवता के खिलाफ अपराध हैं।
भारत ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। और उन घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। नई दिल्ली ने कहा कि ऐसे जघन्य कृत्य के अपराधियों और उनके प्रायोजकों और समर्थकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। जारी बयान में इस बात की भी जोड़ दी गई के दशकों से इस क्षेत्र में आतंकवाद को खत्म करने वाले सुरक्षित ठिकानों और अभयारण्यों को खत्म करने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।
भारत ने राष्ट्र की शांति और स्थिरता लाने के अपने प्रयासों में अफगानिस्तान के लोगों, सरकार और सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता व्यक्त की। यह कहते हुए कि रमज़ान का महीना उपवास, प्रार्थना और प्रतिबिंब का काल होना चाहिए, भारत ने अफगानिस्तान में कोरोनवायरस के प्रसार से उत्पन्न मानवीय स्थिति से निपटने के लिए आतंकवादी हिंसा और सहयोग को तत्काल रोकने का आह्वान किया है।