केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरिया ‘निशंक’ ने कोविड-19 संकंट के मद्देनजर सीबीएसई को सलाह दी कि वह 9वीं और 11वीं कक्षा में असफल हो चुके सभी छात्रों को एक अवसर प्रदान करे। तदनुसार, सीबीएसई ने इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है।
सीबीएसई की अधिसूचना के मुताबिक कोविड-19 के कारण पूरा देश चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहा है। यह एक अभूतपूर्व स्थिति है। बच्चे घर पर ही रह रहे हैं। उनके विद्यालय बंद हैं। वे मानसिक तनाव और चिंता का अनुभव कर रहे हैं। माता-पिता वेतन, परिवार के स्वास्थ्य आदि के बारे में चिंतित हैं। इस कठिन समय में, विद्यालय की परीक्षाओं को उत्तीर्ण न करने वाले छात्र अधिक परेशान होंगे। ऐसे छात्र सीबीएसई से लगातार जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं। अभिभावक भी लगातार ऐसे प्रश्न कर रहे हैं। ऐसे कठिन समय में, हम सभी को छात्रों को तनाव से मुक्त करने और उनकी चिंता को कम करने में सहायता करने के लिए संयुक्त प्रयास करने होंगे।
सीबीएसई ने अभिभावकों और छात्रों के अनुरोधों को देखते हुए, इस असाधारण परिस्थिति में एक बार के उपाय के रूप में, यह निर्णय लिया है कि 9वीं और 11वीं कक्षा के सभी असफल छात्रों को फिर से विद्यालय-आधारित परीक्षा में बैठने का एक अवसर प्रदान किया जाएगा। यह अवसर उन सभी छात्रों के लिए होगा चाहे उनकी परीक्षाएं पूर्ण हो गई हैं और परीक्षा परिणाम जारी कर दिए गए हैं अथवा उनकी परीक्षा अभी पूर्ण नहीं हुई है। इस सुविधा को विषयों और प्रयासों की संख्या पर ध्यान दिए बिना विस्तारित किया गया है।
ऐसे छात्रों को सहायता प्रदान करते हुए विद्यालय ऑनलाइन/ऑफलाइन/इनोवेटिव परीक्षा आयोजित कर सकते हैं और इस परीक्षा के आधार पर कक्षोन्नति का निर्णय ले सकते हैं। यह परीक्षा उन सभी विषयों में ली जा सकती है, जिसमें छात्र असफल हुए हैं। परीक्षा आयोजित करने से पूर्व, विद्यालय छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय देंगे। इसलिए सीबीएसई से संबद्ध सभी विद्यालय 9वीं और 11वीं कक्षा के सभी असफल छात्रों को उन सभी विषयों के लिए एक अवसर प्रदान करेंगे, जिनमें छात्र असफल रहे हैं। यह एक बार पुनः दोहराया जाता है कि यह छूट सभी छात्रों को दी जानी है, भले ही उन्हें इस अधिसूचना से पहले भी अवसर दिया गया हो।
कोविड-19 की असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर एक बार के इस अवसर को केवल वर्तमान वर्ष के लिए ही प्रदान किया जा रहा है। यह सुविधा सिर्फ एक बार के उपाय के तौर पर ही है और इसे भविष्य में बढ़ाया नहीं जाएगा।
PIB.