नदी किनारे बसा टोला में नहीं है पीने की पानी की सुविधा, लोग वर्षाती नाला में चुँआ बनाकर व्यवस्था करते हैं पीने का पानी…
गंदी पानी पीने को हैं मजबुर टोलावासी, टोलावासी पास ही के नाला से रेत हटाकर निकालते हैं पानी …
ग्राउंड रिर्पोट- रैहान अख्तर (ब्यूरो चीफ कोल्हान)
मझगाँव: मझगाँव मुख्यालय से मात्र आठ किलोमीटर पश्चिम में ओड़िशा से सटे लगभग 10 परिवार का एक टोला है गाड़ासाई। यहाँ के लोंगो को पीने की पानी के लिए देश आजादी के बाद भी राउता नाला की गंदी पानी का सहारा लेना पड़ता है । यह टोला पँचायत पड़सा गाँव सिलफोड़ी का है ।
इस टोला में न ही चापाकल है और न ही कुँआ । ऐसी स्थिति में लोग राउता नदी में लगभग आधा किलोमीटर दूर बहते जल के नजदीक गड्ढा खोद कर पानी निकाल रहे हैं। पीने के पानी का इंतजाम बड़ा कठिन है, बच्चे व महिलाओं को लगभग 800 मीटर तक सिर पर पानी से भरे बर्तन रखकर 12 महीने नंगे पांव चलते हैं। नदी के पानी से लोग अपनी प्यास बुझा रहे और खाना बनाने के लिए इसी पानी का इस्तेमाल कर रहे। साठ लोगों से ऊपर की आबादी वाले इस गांव में पेयजल की व्यवस्था के लिए न ही प्रशासन ने और न ही जनप्रतिनिधि ने कोई व्यवस्था की है । इसलिए मजबूरन उन्हें नदी की तरफ जाना पड़ता है। गांव में महिलाओं की अलग-अलग टोली सुबह-शाम पानी भरने के लिए नदी में जाते हैं। 65 वर्षीय कैरी दिग्गी बताती है कि गांव में पानी की समस्या नई नहीं है।
** टोला की महिलाओं व बच्चियों के लिए यह हर रोज सुबह और शाम की बात है, पीने के लिए पानी यहाँ व्यवस्था नहीं होने के आधा किलोमीटर तक ऐसे नदी आती हैं पानी लेने।
“सुनिता दिग्गगी बहू गाड़ासाई”
** देश आजादी के बाद से ही हमलोग नदी पर ही निर्भर है। निस्तारी के अलावा पीने और खाना बनाने के लिए भी नदी का ही पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। देवेन्द्र दिग्गी ग्रामीण गाड़ासाई।