सार्थक कुमार (ब्योरो चीफ)
मधेपुरा देश भर में आज कृष्णा जन्मअष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा हैं । मान्यताओं के अनुसार आज के दिन लीलाधर भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया । अष्टमी तिथि को रात्रिकाल में अवतार लेने का प्रमुख कारण उनका चंद्रवंशी होना था क्योंकि चंद्रदेव उनके पूर्वज व बुध चंद्रमा के पुत्र हैं। इसी कारण चंद्रवंश में पुत्रवत जन्म लेने के लिए कृष्ण ने बुधवार का दिन चुना। कहा जाता है कि जिस समय प्रभू ने अवतार लिया उस समय उनकी मां देवकी को उसके भाई कंस ने बंधक बनाकर रखा हुआ था। आधी रात को जब कृष्ण ने जन्म लिया उस समय सारे प्रहरी सो गये थे। कंस को श्राप था देवकी का सातवां पुत्र उसका वध करेगा। जिस वक्त उनका जन्म हुआ उनके पिता वासुदेव ने टोकरी में डालके माता यशोदा के पास गोकुल में दे आये। यहीं उनका बचपन बीता।बाद में उन्होंने कंस का वध किया। काफी सारी कर्मां में उनकी प्रधानता रहीं हैं। श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को महाभारत युद्ध में दिये गये सीख आज भी उतनी मार्मिक हैं।
आइये जानते हैं कृष्ण जन्माअष्टमी के अवसर पर गीता की सीखें जिसे पढ़कर न जाने कितने अर्जुन बने
जो भी हुआ अच्छे के लिए हुआ। जो भी हो रहा है अच्छे के लिए हो रहा है।
जीवन में फल की अपेक्षा किये गये बिना जो कार्य करता हैं उसका सदैव विजय होता हैं।
परिवर्तन संसार का नियम है।
वासना क्रोध और लालच। ये आत्मविनाशकारी नरक के लिए तीन द्वार हैं।
मनुष्य अपनी धारणा से बना है जैसा अपने को वह मानता है वैसा वह बन जाता है।