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May 5, 2024
राज्य विवाद

क्या भारतीय पुलिस गुंडों का सबसे संगठित गिरोह है ?

ज़मीर आज़ाद:

भारतीय पुलिस गुंडों का सबसे संगठित गिरोह है – जस्टिस ए. एन. मुल्ला, इलाहाबाद हाईकोर्ट (1974)

इस वक्तव्य को समय-समय पर हमारी पुलिस सिद्ध करती नजर आती है। हाल ही में एक घटना घटित हुआ जो कि सरायकेला का है, तस्वीरों और वीडियो में आप देख सकते हैं कैसे एक पुलिस वाला, अपनी जमीन के लिए आंदोलन कर रहे एक व्यक्ति को गले से धर दबोचा है जिससे इसकी पुलिसगिरी अर्थात गुंडागिरी साफ नजर आती है। सवाल यह है कि ऐसे गुंडों पर लगाम कब लगेगी, सरकार और आला अधिकारियों की चुप्पी अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। मसलन जबकि देश अपना पहला आदिवासी राष्ट्रपति पाने के लिए तैयार है, इसी देश के एक आदिवासी बहुल राज्य में एक अधिकारी द्वारा एक आंदोलन कर रहे आदिवासी पर कैसे अमानवीय व्यवहार और कृत्य को अंजाम दिया जाता है।

ऐसे में सवाल यह भी बनता है कि कैसे और कहां इन अधिकारियों के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। इस संदर्भ में जब हमारी टीम ने वकील सुमंत मिश्रा से बात की, वो बताते हैं ऐसे में आप रीजनल एसपी या डीजीपी से शिकायत कर सकते हैं, फिर भी कार्यवाही संतोषजनक ना होने पर आप कोर्ट का रुख कर सकते हैं। आप अपने राज्य के उच्च न्यायालय में रिट दायर कर सकते हैं, माननीय उच्च न्यायालय उन आला अधिकारियों को  निर्देशित कर सकता है जिन्होंने अपने काम में लापरवाही दिखाई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।

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