20.1 C
New Delhi
November 23, 2024
अर्थव्यवस्था

लॉकडाउन की वजह से अप्रैल में ईंधन की मांग 46 प्रतिशत घटी, मई में सुधार की उम्मीद

देश में ईंधन की मांग में अप्रैल महीने में 46 प्रतिशत की गिरावट आई है। कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन (बंद) के चलते एलपीजी को छोड़कर अन्य सभी पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में भारी गिरावट आई है। राष्ट्रव्यापी बंद के कारण आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई हैं और यात्रा पर अंकुश है।

हालांकि, अप्रैल के आखिरी दस दिनों में कुछ सुधार हुआ है क्योंकि सरकार ने शहरी नगर निगम की सीमा के बाहर आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी है। चूंकि अब कुछ और क्षेत्रों को खोलने की अनुमति दी गई है ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मई के दूसरे पखवाड़े में मांग में और सुधार होगा।

पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में देश की ईंधन की खपत 45.8 प्रतिशत घटकर 99.29 लाख टन रह गई। एक साल पहले इसी महीने में यह 1.83 करोड़ टन से अधिक थी। मार्च में ईंधन की खपत 1.60 करोड़ टन रही थी। उस समय ही कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अंकुशों की शुरुआत हुई थी।

अप्रैल में पेट्रोल की बिक्री 60.43 प्रतिशत घटकर 9,73,000 टन रही। अप्रैल के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री 64 प्रतिशत घटी थी, लेकिन दूसरे पखवाड़े में कुछ कार्यालय खुलने और सड़क पर कुछ वाहनों के आने से बिक्री में कुछ बढ़ोतरी हुई।

देश में सबसे अधिक खपत वाले ईंधन डीजल की बिक्री अप्रैल के पहले पखवाड़े में 61 प्रतिशत घटी। हालांकि, दूसरे पखवाड़े में इसमें कुछ सुधार हुआ। अप्रैल में कुल मिलाकर डीजल की बिक्री 55.6 प्रतिशत घटकर 32.5 लाख टन रही। इन आंकड़ों में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के बिक्री के आंकड़े शामिल हैं। पहले सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के आंकड़े ही उपलब्ध हो पाते थे। उड़ान सेवाओं पर रोक की वजह से अप्रैल में विमान ईंधन एटीएफ की बिक्री 91.3 प्रतिशत घटकर 56,000 टन रह गई।

आंकड़ों के अनुसार माह के दौरान सिर्फ रसोई गैस सिलेंडर या एलपीजी एकमात्र ईंधन रहा जिसकी बिक्री में इजाफा हुआ। सरकार ने कोरोना वायरस संकट के दौरान गरीब परिवारों को रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त में वितरित किया। अप्रैल में एलपीजी की बिक्री 12.2 प्रतिशत बढ़कर 21.3 लाख टन पर पहुंच गई।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले सप्ताह कहा था कि और अधिक आर्थिक गतिविधियों को अनुमति के बाद मई के दूसरे पखवाड़े में ईंधन की मांग सामान्य स्तर पर पहुंच जाएगी। चार मई से और क्षेत्रों को खोला गया है। बड़ी संख्या में कार्यालयों तथा कारखानों में काम शुरू हो गया है। 17 मई को लॉकडाउन 3.0 पूरा होने के बाद कुछ और छूट मिलने की उम्मीद है।

Related posts

तेल कीमतों में गिरावट के बीच रुपया 30 पैसे गिरकर 76.83 रुपये प्रति डॉलर पर

एलआईसी के निजीकरण से बीमाधारकों का होगा नुकसान : जयपुर

Azad Khabar

वित्त मंत्रालय ने पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि खाते में अनिवार्य न्यूनतम जमा के लिए समय सीमा 30 जून तक बढ़ाया

Leave a Comment

आजाद ख़बर
हर ख़बर आप तक