प्रवासी मजदूरों के पलायन को देखते हुए रेलवे ने एक मई से अब तक 932 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया है। इन ट्रेनों में सबसे अधिक ट्रेनें उत्तर प्रदेश और फिर बिहार गईं । इन ट्रेनों से अब तक 11 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया है।
भारतीय रेलवे ने एक मई से अब तक 932 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया, जिनसे लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 11 लाख प्रवासी कामगारों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। शुक्रवार को रेलवे ने ऐसी 145 ट्रेनों का परिचालन किया। उन्होंने बताया कि इनमें सबसे अधिक ट्रेनें उत्तर प्रदेश और फिर बिहार गईं।
एक अधिकारी ने बताया कि अब तक चलाई गईं 932 ट्रेनों में से 215 ट्रेनें रास्ते में हैं जबकि 717 ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर पहुंच चुकी हैं। 67 और ट्रेनें चलने वाली हैं। ये 932 ट्रेनें आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में गईं।
अब तक, उत्तर प्रदेश ने 487 ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है, उसके बाद बिहार ने 254 और मध्य प्रदेश ने 79 ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है। झारखंड ने 48, राजस्थान ने 22 और पश्चिम बंगाल ने नौ ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है। रेलवे ने कहा कि ट्रेनों में सवार होने से पहले यात्रियों की समुचित जांच की जा रही है। यात्रा के दौरान यात्रियों को नि:शुल्क भोजन और पानी दिया जाता है।
सोमवार से, इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 1,200 की जगह 1,700 यात्रियों को ले जाया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाया जा सके। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि फंसे हुए श्रमिकों को शीघ्र उनके घर पहुंचाने के लिए रेलवे अब हर दिन 100 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाएगा।
रेलवे ने अब तक इन विशेष ट्रेनों पर होने वाले खर्च का ऐलान नहीं किया है लेकिन अधिकारियों ने संकेत दिया है कि प्रति सेवा पर रेलवे करीब 80 लाख रुपये खर्च कर रहा है। केंद्र ने पूर्व में कहा था कि रेलवे की ट्रेनों का खर्च केंद्र और राज्यों द्वारा 85:15 के अनुपात में वहन किया जाएगा।
DD न्यूज़.