कमल सिंह मुण्डा (संवाददाता तिरूलडीह)
तिरूलडीह। आदिबासी कुड़मी समाज ने सरायकेला-खरसावां एवं पूर्वी सिंहभूम जिला संयोजक मंडली द्वारा कुकड़ु में संयुक्त रुप से सोमवार को अन्याय दिवस मनाया।विदित हो कि 06 सितंबर 1950 को भारत के संविधान में अनुसूचित जनजाति की सूची बनाई गई थी। प्रदेश उपाध्यक्ष चन्द्र मोहन महतो ने कहा उस सूची से सन 1931 को जनजाति की सूची में शामिल समुदायों को स्थान दिया गया। जबकि छोटानागपुर पठार के कुड़मी (Kudmi) जनजाति समुदाय को साजिश के तहत बिना किसी नोटिफिकेशन के कुड़मी जनजाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल सूची से हटा दिया गया। कुड़मी समाज पर हुये इस अन्याय के लिए आदिबासी कुड़मी समाज प्रत्येक वर्ष 6सितम्बर को अन्याय दिवस के रुप में मनाता है।
मौके पर बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष चन्द्रमोहन महतो ने कहा कि सरकार जल्द कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर न्याय करे। साथ ही भारत की जनगणना के भाषा सूची में कुड़मालि (Kudmali) भाषा कोड अविलंब लागू करे। अन्यथा समाज भी राजनीतिक तौर पर सभी दलों से विमुख होने को विवश होंगे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रकाश केटिआर, सुधांशु महतो, पंचानन महतो, किरीटी महतो, गणेश महतो, राजेश महतो, राजकिशोर महतो, देव काड़ुआर, राज बंसरिआर, प्रकाश महतो, डॉ. विभीषण महतो, शशिभूषण महतो, सुबोध महतो, जयंत महतो, राकेश महतो, निरानंद महतो, वरुनदेव महतो, समीर पुनअरिआर, गाजिराम महतो, करमचांद महतो, दामुदर महतो आदि शामिल रहे।