झारखंड के मझगांव में गर्भवती महिलाओं के लिए ममता वाहन की सेवा बंद हो गई। मझगांव सीएचसी के तहत चलने वाले 6 ममता वाहनों के मालिकों ने शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। वजह है किलोमीटर भाड़े में बदलाव और बकाया पैसे न मिलना।
हड़ताल करने वालों में सराज अंसारी, नरहरी मांझी, जकी अहमद, रासिका हेम्ब्रम, समीरुद्दीन अंसारी और गाजेंद्र पिंगुवा हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने 2025 में आदेश दिया था—घर से अस्पताल तक पहले 6 किमी के 300 रुपये, उसके बाद हर किमी 9 रुपये, वापसी सहित। लेकिन अब सिर्फ एक तरफ के 300 रुपये मिलते हैं। इससे मालिकों को भारी नुकसान हो रहा। पेट्रोल भरने के भी पैसे नहीं बचे।
विभाग इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अपडेट मांग रहा है, लेकिन तीन महीने से एक पैसा नहीं मिला। ज्यादातर वाहन बैंक लोन पर हैं, किस्त नहीं चुका पा रहे।
पश्चिम सिंहभूम में 48 ममता वाहन मालिक हैं। सिविल सर्जन और मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को पहले ही पत्र दिया गया था। इसमें 20 दिसंबर से पूरे जिले में हड़ताल की चेतावनी दी। प्रतिलिपि उपायुक्त, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद जोबा मांझी और विधायक को भेजी। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया।
अब वाहन मालिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से सीधे हस्तक्षेप की मांग कर रहे। 8 दिसंबर को ही सूचना दी थी, फिर भी कुछ नहीं हुआ।
हड़ताल का असर सीधे गर्भवती महिलाओं पर। इसका बोझ गरीबों पर पड़ रहा है।
सरकार सो क्यों रही है? झारखंड का स्वास्थ्य मिशन सिर्फ कागजों पर?











Add Comment