जगन्नाथ चटर्जी (संवादाता चांडिल)
चांडिल: बांउड़ी के दिन से उंधी पिठा और तिलकुट के साथ शुरू हुआ मकर पर्व। पर्व की तैयारी को लेकर महिलाएं पहले से ही गुड़ी कुटना शुरू कर देती है। चांडिल के कल्पना देवी और सेविका चटर्जी ने बताया कि बंगाली घरों में बांउड़ी के दिन लक्ष्मी पूजा के साथ शुरू होता है। मकर संक्रांति की सुबह तिलकुट, खोवा और गुड़पिठा सहित विभिन्न स्वादिष्ट पाकवानों आंनद लेते हुए काफी हर्षोल्लास के साथ मकर पर्व मनाया जाता है। झारखंड के प्रमुख पर्वो में मकर पर्व भी सामिल है। वहीं झारखंड के ग्रामीण इलाकों में मकर पर्व और अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। वही यह मकर टुसु पर्व के नाम से भी प्रसिद्ध है।