जर्जर सड़क पर गोदाम के सामने जमा हो जाता है पानी..फँसती है वाहन..
प्रखंड मुख्यालय स्थित एसएफसी गोदाम तक वाहनों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना है। मुख्य सड़क से एसएफसी के गोदाम की दूरी तकरीबन दो सौ गज है। लेकिन प्रखण्ड कार्यालय परिसर में बनी पीसीसी सड़क से सौ फीट कच्ची सड़क इस कदर जर्जर हो चुकी है कि आये दिन लोडेड वाहनों के फंसने का सिलसिला चलता रहता है। विडंबना है कि आपूर्ति के लिए भेजे गये लोडेड वाहनों को गोदाम तक पहुंचना ही पड़ता है और डोर स्टेप डिलीवरी के लिए ट्रेक्टरों को गोदाम से उठाव करना ही होता है। ऐसे में आये दिन आ रही परेशानी के बाबत गोदाम के कर्ता धर्ताओं द्वारा कई बार स्थानीय प्रशासन का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया। बावजूद इसके पहल नहीं हो पा रही है और आये दिन समस्या को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे विकट स्थिति मानसून सत्र में होती है जब किसी लोडेड वाहन के गढ्डे में फंस जाने के वजह से कई दिनों तक वाहनों की लंबी कतार खड़ी रहती है और संबंधित संवेदक के कर्मी फंसे वाहन को निकलवाने में मशक्कत करते देखे जाते हैं। यहाँ यह बताना लाजमी होगा कि मुख्य सड़क से पिछवाड़े स्थित गोदाम में चावल का भंडारण होता है जहाँ कीचड़ युक्त व बने गढ्डों में वाहनों के पलट जाने का खतरा भी बना रहता है। इस खतरे से बचाव के लिए निजी खर्च वहन कर कई बार मिट्टी भराई भी किया जाता रहा है। लेकिन लगातार लोडेड वाहनों के आवागमन का भार भला कच्ची सड़क कब तक उठा सकता है सो चंद दिन बाद ही स्थिति पूर्ववत हो जाती है। खास बात यह कि गरीबों एवं स्कूली बच्चे के लिए आपूर्ति होने वाले खाद्यान्न के भंडारण हेतु उपयोगी एसएफसी गोदाम तक के पहुंच पथ की जर्जरता को लेकर प्रशासन का गंभीर नहीं होना व्यवस्थापन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है।
“गोदाम तक माल वाहन आने के लिए ऐप्रोच सड़क की जरुरत है क्योंकि सड़क खराब होने के कारण माल वाहन कभी भी फँस सकता है जिसके कारण कार्य में बाधा होगी राँची से प्रोपोजल माँगा गया था जिसे भेज दिया गया है”
सिलाजीत जनसेवक सह प्रभार एजीएम
प्रखण्ड कुमारडुँगी