भारत और यूनाइटेड किंगडम ने दक्षिण एशिया में सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद के वैश्विक खतरे से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस महीने की 21 और 22 तारीख के बीच आयोजित आतंकवाद-निरोध पर भारत-यूनाइटेड किंगडम जॉइंट वर्किंग ग्रुप की 14 वीं बैठक के दौरान, दोनों देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों और इसकी अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की है।
दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों द्वारा लगाए गए खतरों की समीक्षा की। उन्होंने आतंकवादियों और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल संस्थाओं के निषेध पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
भारत और यूनाइटेड किंगडम ने जोर देकर कहा कि सभी देशों को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए कि उनके नियंत्रण वाले क्षेत्रों का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। दोनों पक्षों ने कट्टरपंथीकरण और हिंसक अतिवाद का मुकाबला करने, आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने, आतंकवाद के लिए इंटरनेट के दोहन को रोकने, सूचना साझा करने और क्षमता निर्माण में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया।