33.1 C
New Delhi
March 28, 2024
तकनीक

“एआरसीआई” के वैज्ञानिकों ने ‘नैनोकम्पोजिट’ कोटिंग्स का विकास किया

अनेक एयरोस्पेस, रक्षा, ऑटोमोबाइल, अंतरिक्ष उपकरणों के घटकों का जीवन काल बढ़ाने के लिए घर्षण और घिसाई कम करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए सामान्य रूप से इन गतिशील प्रणालियों को लुब्रिकेट करने की जरूरत पड़ती है, जिससे इन प्रणालियों की लागत, जटिलता और वजन बढ़ जाता है।

इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मैटलर्जी एंड न्यू् मैटीरियल्स (एआरसीआई) के वैज्ञानिकों के एक समूह ने नैनोकम्पोजिट कोटिंग्स के आकार-चयनित निक्षेपण (‍डिपोजिशन) के लिए एक प्रक्रिया विकसित की है। जो इन गतिशील प्रणालियों के घर्षण को कम कर सकती है। एआरसीआई विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्‍वायत्‍त अनुसंधान एवं विकास केन्‍द्र है।

वैज्ञानिकों ने यह पाया है कि एक आर्थिक रूप से सस्‍ती और और सरल स्पंदित इलेक्ट्रोप्लेटिंग या इलेक्ट्रोडिपोजिशन प्रक्रिया का उपयोग करते हुए विशेष आकार के सिलिकॉन कार्बाइड (एसआईसी) के सबमाइक्रोन कणों के संसेचन (इम्प्रेग्नेशन) के साथ निकिल टंगस्टन-आधारित कोटिंग्स कम घर्षण गुणांक और अच्छी तेल धारण क्षमता के साथ घिसाई और संक्षारण (करोशन) प्रतिरोध का उत्कृष्ट संयोजन प्रदान कर सकती हैं।

एआरसीआई समूह द्वारा विकसित कोटिंग्स घर्षण को कम करती है और बाजार में उपलब्ध इसी प्रकार की अनेक घिसाई रोधी कोटिंग्स की तुलना में नमक-स्प्रे के कारण संक्षारण को ज्‍यादा रोक सकती हैं। ये कोटिंग्‍स कम घर्षण और घिसाई वाली कोटिंग्स की बढ़ती हुई मांग का समाधान कर सकती हैं। ये एक कठिन मैट्रिक्स के अंदर कठोर कणों के साथ नैनोकोम्पोसिट कोटिंग्स घिसाईरोधी और कम घर्षण के संयोजन में अच्‍छा परिणाम देती हैं। हालांकि, घर्षण की विशेषताओं का निर्धारण करने में प्रबलन (रीइंस्‍फोर्मेंट) कणों का आकार एक महत्वपूर्ण कारक है। कम्‍पोजिट कोटिंग में प्रबलन कणों के आकार की बहुत अधिक विभिन्नता के कारण स्‍ट्रैस सांद्रण से कोटिंग्‍स समय से पहले ही विफल हो जाती हैं।

इलेक्ट्रोडिपोजिशन को इलेक्ट्रोप्लेटिंग भी कहा जाता है, इसमें धातु के हिस्सों को इलेक्ट्रोलाइट बाथ घोल में डुबोया जाता है, इसे आमतौर पर आसुत जल और अन्य योजकों के मिश्रण में निकिल और टंगस्टन के कणों को घोलकर तैयार किया जाता है। इस घोल में डायरेक्‍ट करंट (डीसी) प्रभावित किया जाता है और मुलम्‍मा चढ़ाने वाले टुकड़े पर निकिल और मिश्र धातु का जमाव हो जाता है। इलेक्ट्रोडिपोजिशन के दौरान इस घोल में धात्विक आयनों की गति और जमाव के कारण कैथोड़ सतह पर डिफ्यूज़न की परत का निर्माण हो जाता है।

आकार-चयनित इलेक्ट्रोडिपोजिशन के लिए, पारंपरिक डायरेक्‍ट करंट (डीसी) जमाव के स्‍थान पर पल्स करंट (पीसी) इलेक्ट्रोडिपोजिशन का उपयोग किया गया था। यह करंट का रूक-रूक कर होने वाला अनुप्रयोग है। कुछ आयामों और अवधि की स्पंदित धाराओं ने वांछित गुणों की कोटिंग्स के जमाव में मदद की, जो पारंपरिक डीसी प्‍लेटिंग के लिए संभव नहीं होगा।

एआरसीआई के कोटिंग्स समूह के अभी हाल के निष्‍कर्षों से पता चला है कि किसी धात्विक मैट्रिक्‍स में पल्‍स मापदंडों के सावधानीपूर्वक चयन से किसी दिए गए आकार के कणों को मजबूत करके समान रूप से जमा किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में, इलेक्ट्रोडिपोजिशन के दौरान, समान आकार के या प्रसार परत की मोटाई से कम आकार के कणों को नैनोक्रिस्टलाइन कोटिंग में शामिल किया जा सकता है। स्पंदित परत मोटाई पर स्पंदित इलेक्ट्रोडिपोजिशन के दौरान विद्युत प्रवाह पल्स की अवधि को बदलकर नियंत्रित किया जाता है। यह ईंधन सेल, बैटरियों, कटैलिसिस और इस प्रकार के विभिन्न अनुप्रयोगों के प्रबलन के लिए आवश्यक अनेक कंपोजिट कोटिंग्‍स के लिए भी उपयुक्‍त है।

-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय।

Related posts

फेसबुक ने म्यांमार चुनाव के दौरान इसके दुरुपयोग को रोकने के उपायों की घोषणा की

आजाद ख़बर

लावा ने 20 प्रतिशत क्षमता के साथ विनिर्माण परिचालन शुरू किया

इसरो ने 34 देशों के उपग्रहों का प्रक्षपेण कर पांच करोड़ 60 लाख अमरीकी डॉलर अर्जित किए

Zamir Azad

Leave a Comment

आजाद ख़बर
हर ख़बर आप तक