रेहान अख्तर (ब्यूरो चीफ)
”यदि चापानल खराब हो तो एक किलोमीटर दूर स्कुल से लाते हैं ग्रामीण पानी”
मझगाँव: प्रखंड की घोड़ाबन्धा पंचायत के आदिवासी बहुल गांव हल्दिया टोला ढीपासाई में बीते दो वर्ष से सोलर जलापूर्ति संयंत्र ठप पड़ा हुआ है। 14 वें वित्त आयोग से जन जल योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों में सोलर आधारित जलापूर्ति योजना के तहत चापाकल समरसेबुल के माध्यम से भेट बनाकर पानी की व्यवस्था की गई थी । उक्त संयंत्र बीते दो वर्ष से खराब पड़ा हुआ है। जल मीनार के खराब होने से लोगों को पेयजल के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पेयजल के लिए लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
ग्रामीण बुधनी हेम्ब्रम,भूषण हेम्ब्रम,अनिता हेम्ब्रम आदि ने बताया कि जल मीनार लगने के साथ ही इसमें खराबी आनी शुरू हो गई थी। कई बार ग्रामीणों के सहयोग से इसे ठीक कराया गया लेकिन बार-बार खराब हो जाने से ग्रामीण भी हार कर इसे छोड़ दिए। गांव के एकमात्र चापाकल के सहारे जीवन यापन हो रहा है। पूरे टोला में लगभग 40 परिवार के लोग पीने का पानी लेने के लिए मात्र एक चापाकल पर जुटते हैं । यदि चापाकल खराब होती है तो मझगाँव बेनीसागर मुख्य पथ पर स्थित उत्क्रमित मध्य विधालय हेपेरबुरु जो गाँव से लगभग एक किलोमीटर दूर है वहाँ से लोग पीने की पानी का व्यवस्था करते हैं।
बताया जाता है कि ठेकेदार की ओर से उक्त चापाकल में समरसेबल पंप डालकर जल मीनार को चालू किया गया था। चापाकल में समरसेबल डाल देने से चापाकल से अब पानी बहुत मुश्किल से निकलता है । जिससे पूरे गांव में पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार ने अधिक मुनाफा अर्जित करने के उद्देश्य जल मीनार में घटिया सामग्री का उपयोग किया था। इसके कारण ही वह हमेशा खराब रहता है। खराब जल मीनार सफेद हाथी साबित हो रहा है उक्त गांव में शत प्रतिशत आदिवासी लोग रहते हैं जो गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करते हैं ऐसे में जल मीनार को ठीक कराने में वे सक्षम नहीं है। ग्रामीणों ने उपायुक्त से जल मीनार की मरम्मत कराने की मांग की है।